भारत का इतिहास पार्ट-1

 

भारत का इतिहास बहुत ही विशाल और दिलचस्प है, और इसे और अधिक विस्तार से समझना हमेशा ही अच्छा होता है। यहाँ कुछ और महत्वपूर्ण घटनाओं और कालखंडों का विवरण दिया गया है:

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प्राचीन काल के बाद के अन्य महत्वपूर्ण घटनाएँ

  1. क्षत्रप और गुप्तकाल के बाद के राज्य:
    • गुप्त साम्राज्य के पतन के बाद भारत में कई छोटे राज्य और साम्राज्य उभरे। इस समय हिन्दू धर्म और बौद्ध धर्म दोनों का प्रचार-प्रसार हुआ। दक्षिण भारत में चोल, चेर और पांड़ीय राजवंशों का शासन था, जबकि उत्तर भारत में राजपूतों का प्रभाव बढ़ा।
  2. हर्षवर्धन का शासन :
    • 7वीं सदी में हर्षवर्धन ने उत्तर भारत में अपनी शक्ति स्थापित की और विक्रमशिला, नालंदा जैसे महान विश्वविद्यालयों की स्थापना की। उनका साम्राज्य उत्तर भारत और मध्य भारत तक विस्तृत था। हर्ष का शासन भी धार्मिक सहिष्णुता और कला के प्रति समर्पण के लिए जाना जाता है।
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मध्यकालीन भारतीय इतिहास के और महत्वपूर्ण पहलु

  1. भारत में मुसलमानों का आगमन:
    • 11वीं सदी में महमूद गजनवी और मोहम्मद गोरी के आक्रमणों ने भारत के राजनीतिक परिदृश्य को बदल दिया। इसके बाद दिल्ली सलतनत का गठन हुआ। दिल्ली सलतनत में खास तौर पर तुर्क और अफगान शासकों का प्रभाव था।
  2. पठान और तुर्क शासक:
    • दिल्ली सलतनत के बाद भारत में कई महत्वपूर्ण पठान और तुर्क शासक आए, जिनमें इल्तुतमिश, रजिया सुलतान, बलबन, और फिर आलाउद्दीन खिलजी शामिल थे। इन शासकों ने राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था को मजबूत किया और भारत के विभिन्न हिस्सों में इस्लामी संस्कृति का प्रसार किया।
  3. विजयनगर साम्राज्य :
    • दक्षिण भारत में विजयनगर साम्राज्य का गठन 14वीं सदी में हुआ। इसे खासतौर पर कृष्ण देव राय के शासनकाल में प्रगति मिली। यह साम्राज्य हिंदू धर्म और संस्कृति के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था। विजयनगर साम्राज्य के खंडहर आज भी भारत के दक्षिणी हिस्सों में देखे जा सकते हैं।
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मुग़ल साम्राज्य के अंत के बाद

  1. मुघल साम्राज्य का पतन:     18वीं सदी में मुघल साम्राज्य कमजोर पड़ने लगा, खासकर औरंगजेब के बाद। इस समय भारत में कई स्वतंत्र राज्य उभरे। मराठों ने भारत के पश्चिमी और मध्य हिस्सों में अपना प्रभाव स्थापित किया। मराठा साम्राज्य के प्रमुख नेता शिवाजी महराज थे, जिन्होंने मुगलों के खिलाफ संघर्ष किया और स्वतंत्रता संग्राम में एक नया मोड़ लाया।
  2. आखिरी मुघल सम्राट बहादुर शाह जफर:    1857 में भारतीयों ने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ एक सशस्त्र विद्रोह किया, जिसे '1857 का विद्रोह' या 'संपूर्ण स्वतंत्रता संग्राम' के नाम से जाना जाता है। इस विद्रोह का नेतृत्व मुघल सम्राट बहादुर शाह जफर ने किया, हालांकि यह विद्रोह असफल रहा, लेकिन यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की नींव रख गया।
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आधुनिक भारत की ओर

  1. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का गठन :
    • भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का गठन 1885 में हुआ था। शुरुआत में यह एक मंच था जहां भारतीयों की समस्याओं को ब्रिटिश सरकार तक पहुँचाया जाता था। धीरे-धीरे यह पार्टी स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व करने वाली प्रमुख पार्टी बन गई।
  2. महात्मा गांधी का नेतृत्व:
    • महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम ने एक अहिंसक दिशा ली। उन्होंने 'नमक सत्याग्रह', 'ननहै रिवॉल्ट' और 'दांडी मार्च' जैसे आंदोलन चलाए, जिनमें लाखों भारतीयों ने भाग लिया। गांधीजी के विचारों ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को विश्व स्तर पर एक नैतिक उंचाई दिलाई।
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  3. भारत का विभाजन और स्वतंत्रता :
    • 15 अगस्त 1947 को भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुई, लेकिन यह स्वतंत्रता देश के विभाजन के साथ आई। भारत और पाकिस्तान का विभाजन हुआ, और लाखों लोग अपनी जान, माल और घरों से हाथ धो बैठे। यह एक ऐतिहासिक और दर्दनाक घटना थी, जिसका प्रभाव आज भी भारतीय समाज में महसूस किया जाता है।

स्वतंत्रता के बाद की प्रमुख घटनाएँ

  1. संविधान का निर्माण:
    • 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान को अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को यह प्रभावी हुआ। डॉ. भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में तैयार किया गया संविधान दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश का मार्गदर्शन करता है।
  2. आर्थिक सुधार और उदारीकरण :
    • 1991 में भारत ने आर्थिक उदारीकरण की प्रक्रिया शुरू की, जिसके तहत विदेशी निवेश को प्रोत्साहित किया गया और अर्थव्यवस्था को मुक्त बाजार के सिद्धांतों के तहत विकसित किया गया। इसके बाद भारत की अर्थव्यवस्था ने तेजी से वृद्धि की और यह वैश्विक मंच पर महत्वपूर्ण शक्ति बन गया।
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  3. सामाजिक बदलाव और सांस्कृतिक प्रगति:
    • स्वतंत्रता के बाद भारत ने सामाजिक न्याय की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। महिलाएँ, अनुसूचित जातियाँ और अन्य पिछड़ी जातियाँ अधिक अधिकारों और अवसरों के साथ समाज में सशक्त हो रही हैं। इसके साथ ही भारत में कला, संगीत, सिनेमा और साहित्य के क्षेत्र में भी नई ऊँचाइयाँ छुईं हैं।
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समकालीन भारत

आज के भारत में विकास, प्रौद्योगिकी, विज्ञान, राजनीति और संस्कृति के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण घटनाएँ हो रही हैं। भारत अब एक वैश्विक शक्ति के रूप में उभर चुका है, और इसकी भूमिका अंतरराष्ट्रीय राजनीति में भी बढ़ रही है।

भारत का इतिहास एक लंबी, विविध और प्रेरणादायक यात्रा है, जिसमें संघर्ष, परिवर्तन और समृद्धि की अनगिनत कहानियाँ हैं। यह सिर्फ एक राष्ट्र का इतिहास नहीं है, बल्कि यह समृद्ध सभ्यता और मानवता के योगदान की भी गाथा है।

                                            

     
 



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