मौर्य साम्राज्य

 मौर्य साम्राज्य

मौर्य साम्राज्य प्राचीन भारत का एक शक्तिशाली और विशाल साम्राज्य था, जिसकी स्थापना चंद्रगुप्त मौर्य ने 321 ईसा पूर्व में की थी। यह साम्राज्य अपनी प्रशासनिक कुशलता, सैन्य शक्ति और सांस्कृतिक समृद्धि के लिए प्रसिद्ध है। मौर्य साम्राज्य का विस्तार अफगानिस्तान से लेकर बंगाल तक और उत्तर में हिमालय से दक्षिण में कर्नाटक तक था।

**चंद्रगुप्त मौर्य और कौटिल्य**: चंद्रगुप्त ने अपने गुरु और सलाहकार कौटिल्य (जिन्हें चाणक्य भी कहा जाता है) की मदद से नंद वंश को पराजित कर मगध पर कब्जा किया। कौटिल्य का ग्रंथ *अर्थशास्त्र* उस समय की राजनीति, अर्थव्यवस्था और प्रशासन की गहरी समझ देता है। चंद्रगुप्त ने सिकंदर के उत्तराधिकारी सेल्यूकस निकेटर को भी हराया और एक संधि के तहत विशाल क्षेत्र प्राप्त किया।

**अशोक का शासन**: मौर्य साम्राज्य का सबसे प्रसिद्ध शासक सम्राट अशोक था। शुरू में एक विजेता के रूप में जाने गए अशोक ने कलिंग युद्ध (261 ईसा पूर्व) के बाद भारी नरसंहार देखकर युद्ध का रास्ता छोड़ दिया और बौद्ध धर्म अंगीकार कर लिया। उन्होंने अहिंसा, धर्म, और प्रजा की भलाई के सिद्धांतों को अपनाया। अशोक के *शिलालेख* और *स्तंभ* आज भी उनके शासन की कहानी कहते हैं। उन्होंने बौद्ध धर्म को भारत और विदेशों (जैसे श्रीलंका, अफगानिस्तान) में फैलाया।

**प्रशासन**: मौर्य साम्राज्य का प्रशासन अत्यंत व्यवस्थित था। राजधानी पाटलिपुत्र (आधुनिक पटना) थी। साम्राज्य को प्रांतों में बांटा गया, जिन्हें राजकुमार या विश्वसनीय अधिकारी संचालित करते थे। कर संग्रह, व्यापार, और कानून व्यवस्था के लिए अलग-अलग विभाग थे। मौर्य सेना में पैदल सैनिक, घुड़सवार, रथ, और युद्ध हाथी शामिल थे।

**पतन**: अशोक की मृत्यु (232 ईसा पूर्व) के बाद मौर्य साम्राज्य कमजोर होने लगा। कमजोर उत्तराधिकारियों, आर्थिक समस्याओं, और बाहरी आक्रमणों के कारण यह साम्राज्य 185 ईसा पूर्व में समाप्त हो गया।

मौर्य साम्राज्य भारतीय इतिहास में एक सुनहरा अध्याय है, जिसने एकीकृत भारत की नींव रखी और प्रशासन, धर्म, और संस्कृति में अमूल्य योगदान दिया।

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